डायबिटीज में फल खाने से शरीर में ब्लड शुगर स्तर बढ़ जाता है और यह डायबेटिक लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है, यह सवाल अक्सर हमारे दिमाग में आता है। जबकि सच यह है कि सभी फलों से शरीर में शुगर स्तर नहीं बढ़ता। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (ADA) के अनुसार बहुत से फलों में फाइबर, विटामिन, खनिज और प्लांट कॉम्पाउंड फायटोकेमिकल्स (Plant Compound Phytochemicals) होते हैं जो शरीर में ब्लड शुगर स्तर को नियंत्रित करते हैं। फायटोकेमिकल्स (Phytochemicals), डायबिटीज से संबंधित, हृदय रोग, कैंसर और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में सहायक होते हैं।
डायबिटीज एक बीमारी है जो हमारे शरीर में इंसुलिन हार्मोन की कमी या फिर इसका सही तरीके से इस्तेमाल न करने से होता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो, पेट के अंतरिक ग्रंथियों (इंटरनल ग्लैंड) से उत्पन्न होता है, और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में सहायता करता है जिससे कोशिकाएं (Cells) ऊर्जा के लिए ग्लूकोज़ को आसानी से उपयोग कर पाती हैं।
इस लेख में जानकारी दी गई है कि डायबिटीज में कौन से फल खा सकते हैं, फलों का चुनाव कैसे करना चाहिए और फलों को खाते समय किन-किन चीजों को ध्यान में रखना जरूरी होता है जिससे आप फलों का आनंद भी ले सकते हैं और यह आपके लिए हानिकारक भी नहीं होगा। यदि किसी व्यक्ति को डायबिटीज की बीमारी है तो फलों का सेवन करने के बारे में सवाल पूछना स्वाभाविक है, क्योंकि कुछ फलों में ग्लूकोज़ होता है जो अधिक मात्रा में शुगर बढ़ा सकता है।
फल जो खाने के पहले खा सकते हैं-
जामुन (Indian blackberry)
आयुर्वेदिक चिकित्सा में जामुन कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ के लिए इस्तेमाल किया जाता है, विशेष रूप से डायबिटीज के इलाज में जामुन एक मुख्य भूमिका निभाता है। जामुन के बीज में एंटी-डायबेटिक प्रॉपर्टीज़ होती हैं, जो शुगर के स्तर को कम करने में मदद करती है।
डायबिटीजको कंट्रोल करें:जामुन के बीज, पत्ते और फल में मौजूद कुछ कॉम्पाउंड्स, जैसे कि जाम्बोलीन और एलागिक एसिड, इंसुलिन की कमी को कम करने में और ग्लूकोज़ के अवशोषण को रोकने में मदद करते हैं। यह ब्लड शुगर स्तर को कंट्रोल करने में सहायक होता है।
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स: जामुन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम होता है, यानी कि यह खाने के बाद ब्लड शुगर स्तर को जल्दी बढ़ाता नहीं है। इसलिए, डायबिटीज मरीजों को जामुन अपने आहार में शामिल करने से ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
एंटीऑक्सीडेंट्स का स्रोत:जामुन में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं और बॉडी को ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस यानी फ्री रेडिकल्स की मात्रा के बढ़ जाने से बचाते हैं। ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस डायबिटीज जैसी कई बीमारियों के रिस्क को बढ़ाता है, इसलिए जामुन के एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज़ डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद होते हैं।
डाइजेशन में सहायक: जामुन के बीज, फल और रस में फाइबर होता है, जो डाइजेशन को सुधारने में मदद करता है। यह खाना खाने के बाद शुगर के स्तर को स्थिर रखते हैं और सदें स्पाइक्स को कम करते हैं।
हार्ट हेल्थ डायबिटीज के मरीजों में हार्ट समस्याओं का रिस्क ज्यादा होता है। जामुन के सेवन से हार्ट हेल्थ को भी सुधारा जा सकता है, क्योंकि इसमें पोटैशियम होता है, जो हार्ट रिदम को कंट्रोल करने में मदद करता है।
तरबूज (Watermelon):
तरबूज एक स्वादिष्ट फल है जो स्वस्थ के लिए अनेक लाभ प्रदान कर सकता है, लेकिन डायबिटीज के मरीजों के लिए इसका सेवन थोड़ा सावधानी से करना जरूरी है। तरबूज में वॉटर कंटेंट ज्यादा होता है और ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, इसलिए एक सिमित मात्रा में तरबूज खा सकते हैं।
तरबूज डायबिटीज वाले मरीजों के लिए निम्नलिखित तरीके से सहायक हो सकता हैं:
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई): तरबूज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो इसके कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज़ में बदलने में मदद करता है। इसका मतलब है कि तरबूज के सेवन से आपके ब्लड शुगर स्तर पर झटके नहीं होते।
फाइबर:तरबूज में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो खाने की प्रक्रिया को धीमा करने और ब्लड शुगर स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इससे खाने से आपके शरीर में ग्लूकोज़ के साथ साथ प्रतिरक्षा भी होती है, जिससे ब्लड शुगर स्तर का सदें स्पाइक्स को कम होता है।
विटामिन और मिनरल का स्रोत: तरबूज विटामिन सी, विटामिन ए, पोटैशियम, और मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है। डायबिटीज मरीजों के लिए इन तत्वों की आवश्यकता होती है, जिससे शरीर के पोषण की कमी पूरी होती है।
एंटीऑक्सीडेंट्स तरबूज में कैरोटिनॉयड्स और लाइकोपीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो इनफ्लेमेशन कम करने और डायबिटीज के साथ जुड़े अन्य रोगों से लड़ने में मदद करते हैं।
पपीता (Papaya):
पपीता एक स्वस्थवर्धक फल है जिसका सेवन आम तौर पर स्वस्थ के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन डायबिटीज मरीज के लिए कुछ विशेष तरीके से लाभदायक हो सकता है:
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स: पपीता का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, इसका मतलब है कि यह खाने के बाद ब्लड शुगर स्तरों को कम प्रभावित करता है। इसलिए, डायबिटीज मरीज को पपीता खाने से उनके ब्लड शुगर स्तरों को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
उच्च फाइबर सामग्री: पपीता में फाइबर अधिक मात्रा में होता है, जो कार्बोहाइड्रेट अवशोषण को धीमा करता है और इंसुलिन की ज़रूरत को कम करता है। इससे भी डायबिटीज मरीज के ब्लड शुगर स्तरों को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
एंटीऑक्सीडेंट्स:पपीता में एंटीऑक्सीडेंट्स, जैसे कि विटामिन सी और बीटा-कैरोटीन, पाए जाते हैं, जो शरीर के ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से लड़ते हैं। डायबिटीज मरीज को ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से होने वाली कम्प्लीकेशन्स से बचने में पपीता मदद करता है।
किवी (Kiwi):
किवी फल डायबिटीज के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। किवी फल अनेक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जिनमें विटामिन सी, विटामिन के, फोलेट, पोटैशियम, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स शामिल होते हैं। ये तत्व डायबिटीज के नियंत्रण में मदद कर सकते हैं और साथ ही आपके सामान्य स्वास्थ्य को भी सुधार सकते हैं।
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स: किवी फल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) कम होता है, यानी यह खाने के बाद ब्लड शुगर स्तर को कम बढ़ाता है। इससे ब्लड शुगर स्पाइक्स कम होते हैं, जो डायबिटीज के लिए फायदेमंद है।
उच्च फाइबर सामग्री: किवी फल में फाइबर होता है, जो डाइजेशन को स्लो करता है और ब्लड शुगर स्तर को स्थिर रखता है। इससे आपका ग्लूकोज़ अवशोषण नियंत्रित रहता है।
विटामिन सी का भंडार: किवी में विटामिन सी बहुत अधिक मात्रा में होता है, जो इम्यूनिटी को सुधारने और इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए इम्यूनिटी का मजबूत रहना भी महत्वपूर्ण है।
एंटीऑक्सिडेंट्स:किवी फल एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है, जो ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस कम करता है जो डायबिटीज के कम्प्लिकेशन्स को कम करता है।
हार्ट हेल्थ किवी फल के सेवन से दिल की सेहत सुधरती है, और डायबिटीज के मरीजों में हार्ट संबंधी समस्याएं होने की संभावना ज्यादा होती है।
सेब (Apple):
सेब में सॉल्यूबल फाइबर होता है जो शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
संतरा (Orange):
संतरा में विटामिन सी होता है, जो शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है।
खाने के बाद मीठे फल कम खाना चाहिए:
अंगूर (Grapes): अंगूर में प्राकृतिक शुगर होता है, जो शुगर के स्तर को बढ़ा सकता है।
केला (Banana): केला एक अच्छा पोटैशियम और फाइबर का स्रोत है। इसके सेवन से खून का शर्करा स्तर कंट्रोल में रहता है। केले में कार्बोहाइड्रेट होता है जो शुगर स्तर को बढ़ा सकता है इसलिए ज़्यादा मात्रा में केला खाने से ब्लड शुगर स्तर बढ़ सकता है।।
चीकू (Sapodilla):चीकू में प्राकृतिक शुगर होता है, जो शुगर के स्तर के बढ़ने का खतरा होता है।
कुछ बातों का ध्यान रखते हुए फलों का सेवन करना जरूरी है:
अ. पोर्शन कंट्रोल: डायबिटीज़ वाले मरीजों को फलों का उपयोग समझदारी से करना चाहिए। ज़्यादा मात्रा में फल खाने से ब्लड शुगर स्तर बढ़ सकता है। पोर्शन कंट्रोल का ध्यान रखें और अपने भोजन में इसे शामिल करें।
ब. समय पर खाएँ: फलों को खाने का समय भी महत्वपूर्ण है। उसे खाली पेट खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे ब्लड शुगर स्तर तेजी से बढ़ सकता है। इसको मील्स के साथ या स्नैक्स के रूप में खाना चाहिए।
स. डॉक्टर की सलाह: डायबिटीज के मरीजों को किसी भी नए फल या खाद्य पदार्थ को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए, ताकि उनकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें अनुकूल मार्गदर्शन मिल सके।
आखिरी बात:
याद रखें कि हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है, और डायबिटीज़ की स्थिति भी व्यक्ति के स्तर पर अलग हो सकती है। इसलिए, किसी भी फल का सेवन करने से पहले, अपने डॉक्टर या एक विशेषज्ञ की सलाह लेना हमेशा अच्छा होता है।